Pluto grah ke baare me jankari ( Knowledge of Pluto planet )
***Pluto***
पाताल का देवता और मौत का नाविक
प्लुटो , शेरान ,निक्स और हायड्रा
प्लूटो यह सूर्य का नौंवा ग्रह हुआ करता था !
यह इतना छोटा है कि सौरमंडल के सात चन्द्रमा (हमारे चन्द्रमा सहित) इससे बड़े है। प्लूटो से
बड़े अन्य चन्द्रमा है, गुरु के चन्द्रमाआयो, युरोपा, गीनीमेड और कैलीस्टो; शनि का चन्द्रमा
टाइटन और नेप्च्यून का ट्राइटन। इस वजह से इसे ग्रह का दर्जा देना हमेशा विवादों के घेरे मे
रहा।
इसे ग्रह का दर्जा मिला और ७५ वर्ष तक रहा लेकिन २४ अगस्त २००६ को अतंरराष्ट्रीय अंतरिक्ष
विज्ञान सभा ने ग्रह की नयी परिभाषा दी जिसके अंतर्गत प्लूटो नही आता था। प्लूटो अब एक
बौना ग्रह(dwarf planet) है।
ग्रह की नयी परिभाषा
सौरमंडल के किसी पिंड के ग्रह होने के लिए तीन मानक तय किए गए हैं-
1. यह सूर्य की परिक्रमा करता हो।
2. यह इतना बड़ा ज़रूर हो कि अपने गुरुत्व बल के कारण इसका आकार लगभग गोलाकार हो
जाए।
3. इसमें इतना ज़ोर हो कि ये बाक़ी पिंडों से अलग अपनी स्वतंत्र कक्षा बना सके ।
इसमे तीसरी अपेक्षा पर प्लूटो खरा नहीं उतरता है, क्योंकि सूर्य की परिक्रमा के दौरान इसकी
कक्षा नेप्चून की कक्षा से टकराती है।
रोमन मिथक कथाओं के अनुसार प्लूटो(ग्रीक मिथक मे हेडस)पाताल का देवता है। इस नाम के
पीछे दो कारण है, एक तो यह कि सूर्य से काफी दूर होने की वजह से यह एक अंधेरा ग्रह(पाताल)
है, दूसरा यह कि प्लूटो का नाम PL से शुरू होता है जो इसके अन्वेषक पर्सीयल लावेल के
आद्याक्षर है।
प्लूटो की खोज की एक लम्बी कहानी है। कुछ गणनाओ के आधार पर युरेनस और नेप्च्यून की
गति मे एक विचलन पाया जाता था। इस आधार पर एक ‘क्ष’ ग्रह(Planet X) कि भविष्यवाणी की
गयी थी, जिसके कारण युरेनस और नेपच्युन की गति प्रभावित हो रही थी। अंतरिक्ष विज्ञानी
लावेल इस ‘क्ष’ ग्रह की खोज मे आकाश छान मारा और 1930 मे प्लूटो खोज निकाला। लेकिन
प्लूटो इतना छोटा निकला कि यह नेप्च्यून और युरेनस की गति पर कोई प्रभाव नही डाल सकता
है। ‘क्ष’ ग्रह की खोज जारी रही। बाद मे वायेजर २ से प्राप्त आकडो से जब नेप्च्यून और युरेनस
की गति की गणना की गयी तब यह विचलन नही पाया गया। इस तरह‘क्ष’ ग्रह की सारी
संभावनाये समाप्त हो गयी।
नयी खोजों से अब हम जानते है कि प्लूटो के बाद भी सूर्य की परिक्रमा करने वाले अनेक पिंड है
लेकिन उनमें कोई भी इतना बड़ा नही है जिसे ग्रह का दर्जा दिया जा सके। इसका एक उदाहरण
हाल ही मेखोज निकाला गया बौना ग्रह जेना है।
प्लूटो सामान्यतः नेप्च्यून की कक्षा के बाहर सूर्य की परिक्रमा करता है लेकिन इसकी कक्षा
नेप्च्यून की कक्षा के अंदर से होकर गुजरती है। जनवरी 1979 से फरवरी 1999 तक इसकी कक्षा
नेप्च्यून की कक्षा के अंदर थी। यह अन्य ग्रहों के विपरीत दिशा मे सूर्य की परिक्रमा करता है।
इसका घूर्णन अक्ष भी युरेनस की तरह इसके परिक्रमा प्रतल से लंबवत है, दूसरे शब्दों मे यह भी
सूर्य की परिक्रमा लुढकते हुये करता है। इसकी कक्षा की एक और विशेषता यह है कि इसकी कक्षा
अन्य ग्रहों की कक्षा के प्रतल से लगभग 15 अंश के कोण पर है।
इसकी और नेप्च्यून के चन्द्रमा ट्राइटन की असामान्य कक्षाओं के कारण इन दोनो मे किसी
ऐतिहासिक रिश्ते का अनुमान है। एक समय यह भी अनुमान लगाया गया था कि प्लूटो नेप्च्यून
का भटका हुआ चन्द्रमा है। एक अन्य अनुमान यह है कि ट्राइटन यह प्लूटो की तरह स्वतंत्र था
लेकिन बाद मे नेप्च्यून के गुरुत्वाकर्षण की चपेट मे आ गया।
प्लूटो तक अभी तक कोई अंतरिक्ष यान नही गया है। एक यान “न्यू हारीझोंस” जिसे जनवरी
2006 मे छोड़ा गया है लगभग 2015 तक प्लूटो तक पहुंचेगा।
प्लूटो पर तापमान -235 सेल्सीयस और -210 सेलसीयस के मध्य रहता है। इसकी सरंचना अभी
तक ज्ञात नही है। इसका घनत्व 2 ग्राम/घन सेमी होने से अनुमान है कि इसका 70% भाग
सीलीका और 30% भाग पानी की बर्फ से बना होनी चाहिये। सतह पर हाइड्रोजन, मिथेन, इथेन
और कार्बन मोनोक्साईड की बर्फ का संभावना है।
प्लूटो के तीन उपग्रह भी है, शेरॉन, निक्स और हायड्रा. निक्स का व्यास लगभग 60 किमी और
हायड्रा का व्यास लगभग 200 किमी अनुमानित है जबकि प्लूटो का व्यास 2274 किमी
अनुमानित है।
हब्बल दूरबीन से ली गयी तस्वीर(प्लुटो और शेरान)
शेरॉन यह ग्रीक मिथक कथाओं के अनुसार मृत आत्माओ को अचेरान नदी के पार कराने कर
पाताल ले जाने वाला नाविक है।
एक अनुमान के अनुसार शेरॉन का निर्माण प्लूटो और किसी अन्य पिंड के मध्य टक्कर के
कारण हुआ है। बहुत कुछ हमारे चन्द्रमा के निर्माण की तरह।
शेरॉन को तकनीकी तरह से प्लूटो का चन्द्रमा कहना भी सही नही है। क्योंकि शेरॉन प्लूटो की
परिक्रमा तो करता ही है लेकिन प्लूटो भी शेरॉन की परिक्रमा करता है। ये दोनो एक दूसरे की
परिक्रमा करते हुये सूर्य की परिक्रमा करते है। एक तरह से युग्म ग्रह है !
प्लूटो को देखना काफी मुश्किल है,साधारण दूरबीन से भी।
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जानकारी है तो जरूर बताइयेगा
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Hello friends
Mera naam *ashish Kumar* hai . mai koi professional blogger nhi hu par meri soch isase bhi uper hai . or me chahta hu ki aap log brahmand ke baare me jane .
***Thanks***
space brahmand nahi haai universe brahmand hai
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